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Showing posts from December, 2011

शिव के 11 रुद्रों की अद्भुत शक्ति

वेदों का ज्ञान कुदरत के कण-कण में शिव के अनेक रूपों का दर्शन कराता है। इन रूपों में ही एक हैं - रुद्र। रुद्र का शाब्दिक अर्थ होता है - रुत यानी दु:खों को अंत करने वाला। यही कारण है कि शिव को दु:खों का नाश करने वाले देवता के रुप में पूजा जाता है। शास्त्रों के मुताबिक शिव ग्यारह अलग-अलग रुद्र रूपों में दु:खों का नाश करते हैं। यह ग्यारह रूप एकादश रुद्र के नाम से जाने जाते हैं। व्यावहारिक जीवन में भी कोई दु:खों को तभी भोगता है, जब तन, मन या कर्म किसी न किसी रूप में अपवित्र होते हैं। इसी कारण धर्म और आध्यात्म के धरातल पर दस इन्द्रियों और मन को मिलाकर ग्यारह यानी एकादश रुद्र माने गए है। जिनमें शुभ भाव और ऊर्जा का होना ही शिवत्व को पाने के समान है। शिव के रुद्र रूप की आराधना का महत्व यही है कि इससे व्यक्ति का चित्त पवित्र रहता है और वह ऐसे कर्म और विचारों से दूर होता है, जो मन में बुरे भाव पैदा करे। जानते हैं ऐसे ही ग्यारह रूद्र रूपों को– शम्भू - शास्त्रों के मुताबिक यह रुद्र रूप साक्षात ब्रह्म है। इस रूप में ही वह जगत की रचना, पालन और संहार करते हैं। पिनाकी - ज्ञान शक्ति रूपी चारों वेदों

हनुमानजी की भक्ति

कलयुग में हनुमानजी की भक्ति सबसे सरल और जल्द ही फल प्रदान करने वाली मानी गई है। श्रीराम के अनन्य भक्त श्री हनुमान अपने भक्तों और धर्म के मार्ग पर चलने वाले लोगों की हर कदम मदद करते हैं। सीता माता के दिए वरदान के प्रभाव से वे अमर हैं और किसी ना किसी रूप में अपने भक्तों के साथ रहते हैं। हनुमानजी को मनाने के लिए सबसे सरल उपाय है हनुमान चालीसा का नित्य पाठ। हनुमानजी की यह स्तुति का सबसे सरल और सुरीली है। इसके पाठ से भक्त को असीम आनंद की प्राप्ति होती है। तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा बहुत प्रभावकारी है। इसकी सभी चौपाइयां मंत्र ही हैं। जिनके निरंतर जप से ये सिद्ध हो जाती है और पवनपुत्र हनुमानजी की कृपा प्राप्त हो जाती है। यदि आप मानसिक अशांति झेल रहे हैं, कार्य की अधिकता से मन अस्थिर बना हुआ है, घर-परिवार की कोई समस्यां सता रही है तो ऐसे में सभी ज्ञानी विद्वानों द्वारा हनुमान चालीसा के पाठ की सलाह दी जाती है। इसके पाठ से चमत्कारिक फल प्राप्त होता है, इसमें को शंका या संदेह नहीं है। यह बात लोगों ने साक्षात् अनुभव की होगी की हनुमान चालीसा के पाठ से मन को शांति और कई समस्याओं के हल स्व

डाइबिटीज को रखें कंट्रोल में

वर्तमान समय में हर उम्र वाले लोगों में डाइबिटीज के रोगी देखे जा सकते हैं। डाइबिटीज एक ऐसा रोग है जो अगर एक बार इंसान को लग जाए तो उसे जिंदगी भर दवाईयां खानी पड़ती है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो योग के कटिचक्रासन के माध्यम से आप इस पर काबू पा सकते हैं। कटिचक्रासन पहली विधि- कटिचक्रासन का अभ्यास करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के बीच डेढ़ से दो फुट की दूरी रखें। अब कंधों की सीध में दोनों हाथों को फैलाएं। इसके बाद बाएं हाथ को दाएं कंधे पर रखें और दाएं हाथ को पीछे से बाईं ओर लाकर धड़ से लपेटे। सांस क्रिया सामान्य रूप से करते हुए मुंह को घुमाकर बाएं कंधों की सीध में ले आएं। इस स्थिति में कुछ समय तक खड़े रहें और फिर दाईं तरफ से भी इस क्रिया को इसी प्रकार से करें। इस क्रिया को दोनों हाथों से 5-5 बार करें। ध्यान रखें कि कमर को घुमाते हुए घुटने न मुड़े तथा पैर भी अपने स्थान से बिल्कुल न हिलें। दूसरी विधि- इसके लिए पैरों के बीच 1 फुट की दूरी रखकर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को कंधों की सीध में सामने की ओर करें तथा दोनों हथेलियों को आमने-सामने रखें। अब सांस सामान्य रू

घर के झगड़ें

पार्टनर के साथ झ्रगड़ा, दिनों दिन बढ़ता खर्च और उपर से घर में बढ़ती अशांति से आप परेशान है तो ज्योतिष की मदद लें। ज्योतिष के अनुसार आपकी जिंदगी पर सितारों का पूरा पूरा असर होता है। रोज के बदलते सितारें आपकी जिंदगी बदल देते हैं। कुछ लोगों की जिंदगी में ऐसे दिन आते तो है लेकिन ये बदलने का नाम नहीं लेते। ऐसे में हर कोई परेशान रहता है और लाखों जतन कर लेता है लेकिन फिर भी शांति नहीं मिलती तो राशि अनुसार कुछ आसान उपाय करने चाहिए। इनका असर देर से शुरु होता है लेकिन लंबे समय तक होता है। जानिए क्या है ये आसान उपाय- मेष- लाल कपड़े में हनुमान जी के सीधे पैर का सिंदूर लेकर घर के पूजा स्थान पर रखें। वृष- इस राशि के लोग शिवलिंग पर चावल चढा़ए और चढ़े हुए चावल सफेद कपड़ें में लेकर पूजा स्थान पर रखें। मिथुन- मिथुन राशि वाले घर के मेनगेट के उपर गणेश जी का फोटो लगा लें। कर्क- इस राशि के लोग गंगाजल और गाय का कच्चा दूध मिलाकर घर में छिटें तो घर में शांति और बरकत बनी रहेगी। सिंह- सिंह राशि के लोग तांबे के लोटे का जल पूरे घर में छिंटें तो जल्दी ही घर में शंाति हो जाएगी। कन्या- बुध की इस राशि के

माइग्रेन: परेशानी का सबब

तेज शोर और धूप या अधिक भागदौड़ अक्सर माइग्रेन के पेशेन्ट के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। ऐसे में कई बार दवाईयां भी अपना असर नहीं दिखाती हैं। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे बताए जा रहे कुछ आयुर्वेद के उपायों से आप इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। - गाय का ताजा घी सुबह शाम दो चार बूंद नाक में डालने से टपकाने से माइग्रेन का दर्द हमेशा के लिए जड़ से खत्म हो जाता है। - सिर के जिस भाग में दर्द हो रहा हो उस तरफ के नथुने में चार पांच बूंद सरसों के तेल की डालने से या तेल को सूंघने से आधासिर दर्द बन्द हो जाता है। विशेष: इस विधि को अपनाने से नाक से खून आने(नकसीर) की समस्या भी दूर हो जाती है। सावधानी: यह प्रयोग आयुर्वेद के किसी अनुभवी जानकार की देखरेख में करना ज्यादा सुरक्षित रहता है।

पिस्ता

पिस्ता को सबसे अच्छा स्नेक माना जाता है। पिस्ते के छिलके को हटाकर इसके अंदर का हिस्सा जो खाने में प्रयोग लाया जाता है। वह बिल्कुल आंख की तरह दिखाई पड़ता है। माना जाता है कि भगवान ने जो फ्रूट जिस शेप का बनाया है। शरीर में उसके आकार अगर कोई अंग हो तो वह शरीर के उस हिस्से को सबसे अधिक प्रभावित करता है। पिस्ता का शेप क्योंकि आंख जैसा है इसलिए कुछ मात्रा में पिस्ते का सेवन हमें करना चाहिए या कहें कि आंखों के इलाज में पिस्ता आपकी सहायता कर सकता है। ताजा शोध से ज्ञात हुआ है पिस्ता का सेवन जब सामान्य हाई कार्बोहाइड्रेट भोजन जैसे ब्रेड आदि के साथ किया जाता है तो ये कार्बोहाइड्रेट शरीर में बेहतर अवशोषण सुनिश्चित करते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप ब्लड शुगर का स्तर अपेक्षा से कहीं अधिक घट जाता है। पिस्ते वीर्यवर्धक (धातु को बढ़ाने वाला), रक्त को शुद्ध करने वाले, शक्तिवद्र्धक, पित्तकारक, भेदक, कटु और सारक (दस्तावर) हैं। वात, कफ और पित्तनाशक है। इसके उपयोग से मस्तिष्क (दिमाग) की दुर्बलता दूर होती है। पिस्ता ताकत देने वाला और पौष्टिक होता है। पिस्तों में से तेल निकलता है। इस तेल की मालिश सिर में करने

डायबिटीज/मधुमेह की रोकथाम

हल्दी में अनेक तरह के गुणों का खजाना है। इसीलिए हल्दी का उपयोग पुराने समय से ही भारत में भोजन में नियमित रूप से किया जाता रहा है। इसका कारण यह है कि हल्दी में वातनाशक का गुण भी पाया जाता है।आयुर्वेद में भी हल्दी को कई रोगों की एक रामबाण दवा माना गया है। हल्दी रोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। विशेषकर डायबिटीज के रोगियों के लिए हल्दी का उपयोग संजीवनी की तरह काम करता है। आयुर्वेद में यह माना गया है कि हल्दी से मधुमेह का रोग भी ठीक हो जाता है। हल्दी एक फायदेमंद औषधि है। हल्दी किसी भी उम्र के व्यक्ति को दी जा सकती है चाहे वह बच्चा हो, जवान हो, बूढ़ा हो और यहां तक की गर्भवती महिला ही क्यों न हो। हल्दी में प्रोटीन,वसा खनिज पदार्थ एरेशा, फाइबर, मैंगनीज, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम,फास्फोरस, लोहा, ओमेगा, विटामिन ए, बी, सी के स्रोत तथा कैलोरी भी पाई जाती है। माना जाता है कि मधुमेह की रोकथाम के लिए हल्दी सबसे अच्छा इलाज है। रोज आधा चम्मच हल्दी लेकर डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। मधुमेह के रोगियों को रोजाना ताजे आंवले के रस या सूखे आंवले के चूर्ण में हल्दी का चूर्ण मिलाकर

बचे रहेंगे डाइबिटीज से हमेशा

आप कफ बढाने वाले खान-पान एवं दिनचर्या (दिन में सोने) से बचें। -नियमित व्यायाम से आप डाइबिटीज सहित हृदय रोगों से भी बचे रह सकते हैं इसके लिए योग अभ्यास ( पश्चिमोत्तासन एवं हलासन का अभ्यास ) एक महत्वपूर्ण साधन है। -संतुलित भोजन को प्राथमिकता दें। -रोज खाने के बाद थोड़ी देर जरूर टहले। -धूम्रपान व मद्यपान से बचें। -जामुन के गुठली का चूर्ण ,नीम के पत्र का चूर्ण,बेल के पत्र का चूर्ण ,शिलाजीत , गुडमार ,करेला बीज एवं त्रिफला का चूर्ण चिकित्सक के परामर्श से लेना डाइबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होगा। -कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जैसे वसंतकुसुमाकर रस ,त्रिबंग भस्म ,शिलाजीत,चंद्रप्रभावटी इस रोग में दी जानेवाली प्रचलित औषधी हैं।

Reduce High Blood Sugar Levels with Ayurvedic Plants

High blood sugar or diabetes is a health disorder. In this health condition, the body is not able to make enough insulin, or cannot respond to insulin, or distribute it well in the body. Glucose is required for the cells to provide energy to the body. In case of diabetic patient, due to the absence of insulin, glucose cannot be absorbed in the cells and as a result it remains in the blood causing high glucose in the blood. Over time, the high level of glucose in the blood can cause other serious health disorders like cardiovascular diseases, kidney disease, and blindness, damage to blood vessels, stroke, and eventually death. There are two types of diabetes such as type 1 and type 2. Type 1 diabetes usually affects children and teenagers. In this case, pancreas stops making insulin due to its damage caused by the body’s immune system. Type 2 diabetes is usually found in the people after the age of 30. Here the health disorder is due to poor lifestyle, obesity, advancing age, and he

पीठ के दर्शन वर्जित किए गए हैं।

हमारे धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि देवी-देवताओं के दर्शन मात्र से हमारे सभी पाप अक्षय पुण्य में बदल जाते हैं। फिर भी श्री गणेश और विष्णु की पीठ के दर्शन वर्जित किए गए हैं। गणेशजी और भगवान विष्णु दोनों ही सभी सुखों को देने वाले माने गए हैं। अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं और उनकी शत्रुओं से रक्षा करते हैं। इनके नित्य दर्शन से हमारा मन शांत रहता है और सभी कार्य सफल होते हैं। गणेशजी को रिद्धि-सिद्धि का दाता माना गया है। इनकी पीठ के दर्शन करना वर्जित किया गया है। गणेशजी के शरीर पर जीवन और ब्रह्मांड से जुड़े अंग निवास करते हैं। गणेशजी की सूंड पर धर्म विद्यमान है तो कानों पर ऋचाएं, दाएं हाथ में वर, बाएं हाथ में अन्न, पेट में समृद्धि, नाभी में ब्रह्मांड, आंखों में लक्ष्य, पैरों में सातों लोक और मस्तक में ब्रह्मलोक विद्यमान है। गणेशजी के सामने से दर्शन करने पर उपरोक्त सभी सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त हो जाती है। ऐसा माना जाता है इनकी पीठ पर दरिद्रता का निवास होता है। गणेशजी की पीठ के दर्शन करने वाला व्यक्ति यदि बहुत धनवान भी हो तो उसके घर पर दरिद्रता का प्रभाव बढ़ जाता है। इसी वजह

चश्मा उतर जाएगा

लगातार कम्प्यूटर पर काम करने व पढाई के अधिक बोझ के साथ ही,विटामिन व पौष्टिक खाने की कमी के कारण भी अधिकांश लोगों की आंखे कमजोर होती जा रही हैं। अक्सर देखने में आता है कि कम उम्र के लोगों को भी जल्दी ही मोटे नम्बर का चश्मा चढ़ जाता है।अगर आपको भी चश्मा लगा है तो आपका चश्मा उतर सकता है। नीचे बताए नुस्खों को चालीस दिनों तक प्रयोग में लाएं निश्चित ही चश्मा उतर जाएगा साथ थी आंखों की रोशनी भी तेज होगी। - बादाम की गिरी, सौंफ बड़ी और मिश्री तीनों का पावडर बनाकर रोज एक चम्मच एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें। - त्रिफला के पानी से आंखें धोने से आंखों की रोशनी तेज होती है। - रोज सुबह नंगे पांव हरी घास पर घूमें। - पैर के तलवों में सरसों का तेल मालिश करने से आखों की रोशनी तेज होती है। - सुबह उठते ही मुंह में ठण्डा पानी भरकर मुंह फुलाकर आखों में छींटे मारने से आखें की रोशनी बढ़ती है।

श्रीरामचरितमानस

गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस में ऐसी अनेक चौपाइयां लिखी हैं जिनका नित्य जप करने से हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसी ही एक चौपाई नीचे लिखी है। इस चौपाई का विधि-विधान से जप करने से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है। चौपाई जो प्रभु दीनदयाला कहावा। आरति हरन बेद जस गाबा।। जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।। दीनदयाल बिरद संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।। जप विधि - प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपटकर भगवान श्रीराम की पूजा करें। - इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके तुलसी की माला से इस चौपाई का सच्चे मन से जप करें। - प्रतिदिन कम से कम 5 माला जप अवश्य करें। - कुछ ही दिनों में इस चौपाई का प्रभाव दिखने लगेगा और आपके संकट दूर होते चले जाएंगे।

तुलसी का पौधा

स्वस्थ तन, मन और वाणी में मिठास किसे सुख-सुकून नहीं देती? दरअसल तीनों ही बातों में एक समानता है और वह है पवित्रता। जी हां, स्वच्छता किसी भी रूप में मौजूद हो वह मन को ऊर्जा व ताजगी देती है। बस, यही ऊर्जा अलग-अलग तरह की गुण व शक्तियों में तब्दील हो सुख-संपन्नता पाने में मदद करती है। जिसे ही धार्मिक आस्था से देवी लक्ष्मी की कृपा भी माना जाता है। इस तरह जाहिर है कि जहां तन, मन, विचार व वातावरण में पवित्रता हो वहां लक्ष्मी बसती है। सांसारिक जीवन में ऐसी ही पवित्रता का प्रतीक व लक्ष्मी का साक्षात् स्वरूप माना जाता है - तुलसी का पौधा। इसलिए शास्त्रों में तुलसी पौधा घर में लगाने का शुभ फल लक्ष्मी की असीम कृपा बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं में भी इसे तुलसी व वृंदा के नाम से विष्णु प्रिया या लक्ष्मी का ही रूप बताया गया है। इसीलिए शालिग्राम-तुलसी विवाह की परंपरा व पूजा भी सुख-समृद्ध करने वाली मानी गई है। माना जाता है कि हरि व हर यानी शिव-विष्णु की कृपा से ही तुलसी को देववृक्ष का स्वरुप प्राप्त हुआ। व्यावहारिक रूप से भी घर में तुलसी पूजा से मन में शुद्ध भाव पैदा होते हैं तो खाने से तन भी निर