एलोवेरा
आयुर्वेद में घृतकुमारी को बहुत उपयोगी माना गया है। इस पौधे के पत्ते ही होते हैं जो जमीन से ही निकलते हैं। यह 2 से 3 फिट लम्बे और 3 से 4 इंच चौड़े होते हैं। इसके दोनों तरफ नुकीली कांटे होते हैं। इनके पते गहरे हरे रंग के मोटे, चिकने और गूदेदार होते है। जिन्हें काटने या छिलने पर घी जैसे गुदा ( जेल ) निकलता है। इसीलिए इस पौधे को घृतकुमारी व घी ग्वार भी कहा जाता है।
एलोवेरा के कई नाम हैं, जैसे संजीवनी बूटी, साइलेंट हीलर, चमत्कारी औषधि, ग्वारपाठा, घृतकुमारी, कुमारी, घी-ग्वार आदि से पुकारा जाता है।कब्ज से लेकर कैंसर तक के मरीजों के लिए एक अत्यंत लाभकारी औषधि है। एलोवेरा बढिय़ा एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है।जोड़ों के दर्द में एलोवेरा जूस का सेवन सुबह-शाम करें और प्रभावित जोड़ों पर लगाने से विशेष फायदा होता है। ह्रदय रोग होने का मुख्य कारण मोटापा कोलेस्ट्रोल का बढऩा और रक्तवाहिनियों में वसा का जमाव होना है। ऐसी स्थिति में इसका जूस बेहद फायदेमंद है।बालों के लिए भी इसके जूस को सिर में लगाने से बाल मुलायम, घने, काले व बालो का झडऩा बंद होता है।एलोवेरा जेल चेहरे पर लगाने से मुहांसे, झाइयां दूर होती है।
एलोवेरा में शरीर की अंदरूनी सफाई करने और शरीर को रोगाणु रहित रखने के गुण भी मौजूद है। एलोवेरा हमारे शरीर की छोटी बड़ी नस व नाडिय़ों की सफाई करता है उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है।एलोवेरा औषधि हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है। यह शरीर में जाकर खराब सिस्टम को ठीक करता है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। शरीर में मौजूद हृदय विकार, जोड़ों के दर्द, मधुमेह, यूरीनरी प्रॉब्लम्स, शरीर में जमा विषैले पदार्थ इत्यादि को नष्ट करने में मददगार है। त्वचा की देखभाल और बालों की मजबूती व बालों की समस्या से निजात पाने के लिए एलोवेरा एक संजीवनी का काम करती है।इसके प्रयोग से बीमारियों से मुक्त रहकर लंबी उम्र तक स्वस्थ और फिट रहा जा सकता है।
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