एक श्लोक से मिलेगा संपूर्ण रामायण पढऩे का पुण्य
रामायण भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। इसे पढऩे या सुनने मात्र से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं होता कि वह संपूर्ण रामायण का पाठ या श्रवण कर सके। ऐसे में नीचे लिखे इस एक श्लोक का विधि-विधान पूर्वक जप करने से संपूर्ण रामायण पढऩे या सुनने का फल मिलता है। इसीलिए इस श्लोक को एक श्लोकी रामायण भी कहते हैं।
मंत्र
आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
जप विधि
- सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीराम के चित्र का विधिवत पूजन करें।
- भगवान श्रीराम के चित्र के सामने आसन लगाकर इस श्लोक का जप करें। प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम फल मिलता है।
- आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
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