शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है

शास्त्रों में गाय को माता कहा है। गाय एक बहुपयोगी पशु है जो कि कई रूपों में फायदेमंद भी है। पुराने समय में सभी के घरों में गाय अनिवार्य रूप से होती थी। आज भी गांव में रहने वाले या ग्रामीण परिवेश से संबंधित लोगों के यहां गाय रहती है। प्राचीन काल से गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। गाय बहुत ही पवित्र और पूजनीय मानी गई है। ऐसा माना जाता है कि गाय की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो जाती है। इसी वजह से आज भी गाय को पूजा जाता है। पहले गाय को घर में रखना अनिवार्य था इसके पीछे कई कारण हैं। - गाय जहां रहती है वहां किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय नहीं हो पाती और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती रहती है। - गाय से निकलने वाली गंध से वातावरण में मौजूद कई हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। - गाय का दूध भी कई बीमारियों में औषधि का ही काम करता है। - गाय को घर में रखने से सभी प्रकार के ज्योतिष दोष और वास्तु दोष भी नष्ट हो जाते हैं। - गाय का मूत्र कई बीमारियों में औषधि के रूप काम लिया जाता है। - गौमूत्र से कैंसर का इलाज हो जाता है। गाय के प्रभाव में रहने वाले व्यक्ति को कभी ऐसी कोई भी बीमारी नहीं होती। - गाय का गोबर भी कई कामों में उपयोग किया जाता है। इनके अतिरिक्त कई फायदे हैं गाय को घर पर रखने के। इन्हीं सब की वजह से गाय को अपने घरों पर रखा जाता था।

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