पीपल के पेड़ का महत्व
पेड़-पौधे वातावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं से हमें प्राण वायु ऑक्सीजन भी प्राप्त होती हैं। विज्ञान में तो पेड़-पौधों का काफी अधिक महत्व है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में भी इनका महत्व बताया गया है। सभी ग्रहों के अलग-अलग वृक्ष बताए गए हैं। इन वृक्षों को जल चढ़ाने से संबंधित ग्रह के दोषों का निवारण हो जाता है।
ऐसी परंपरा है कि प्रतिदिन पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना चाहिए। पीपल का पेड़ अन्य पेड़ों की तुलना सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। शास्त्रों में पीपल के पेड़ को दैवीय वृक्ष माना है। इस वृक्ष में कई देवी-देवताओं का वास होता है। इसी वजह से पीपल को सबसे पवित्र और पूजनीय वृक्ष माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार पीपल के वृक्ष पर नियमित रूप से जल चढ़ाने से व्यक्ति के समस्त शनि दोषों का निवारण होता है। शनि देव इस वृक्ष पर जल चढ़ाने वाले भक्तों से अति प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए पीपल का वृक्ष सर्वश्रेष्ठ उपाय है। यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाता है तो उसे शनि का कोप झेलना पड़ सकता है। जाने-अनजाने भूलवश पीपल काट दिया जाए तो शनि दोष अवश्य ही व्यक्ति का जीवन प्रभावित करेगा। इसके अलावा यदि को व्यक्ति इस वृक्ष को कटते हुए भी देखता है तो उसे भी शनि से परेशानियां प्राप्त हो सकती हैं। यदि किसी व्यक्ति के साथ ऐसा हो जाए तो उसे प्रति दिन किसी पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना चाहिए। प्रति शनिवार स्वयं का चेहरा तेल में देखकर उस तेल का दान करना चाहिए। यदि संभव हो तो एक पीपल का वृक्ष भी लगाएं और उसके बड़ा होने तक उसकी देखभाल करें। इस प्रकार करने से ही शनि दोष शांत हो सकता है।
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