'हनुमान ध्यान मंत्र'

संकटमोचक हनुमान इन अहम सूत्रों को जीवन में उतारने के लिए आदर्श और प्रेरणा हैं। हनुमान चरित्र व भक्ति रामभक्ति द्वारा ईश्वर आस्था व ईश कृपा के साथ जीवन में संयम और नियम की अहमियत बताते हैं। यही कारण है कि शास्त्रों में संकटमुक्त जीवन के लिए हनुमान उपासना के दौरान भी मन और वातावरण में पावनता बनाए रखने के लिए विशेष हनुमान मंत्र के साथ पूजा की शुरुआत का महत्व बताया गया है। जानते हैं ये मंत्र विशेष - - स्नान व स्वच्छ वस्त्र पहनने के बाद देवालय में श्री हनुमान प्रतिमा के सामने नीचे लिखा मंत्र स्मरण कर श्री हनुमान को गंगाजल से स्नान व पंचोपचार पूजा व आरती संपन्न करें - मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमता वरिष्ठम। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीराम दूतं शरणम् प्रपद्ये।।

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