हनुमान जी
हनुमान को अष्टचिरंजीवियों में से एक माना गया है। माना जाता है कि हनुमान जी के ध्यान से कई बाधांए कट जाती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अष्टांग योग में बताए गए सभी आठ चरण महत्वपूर्ण हैं। अष्टांग योग के ध्यान से हमारा मन हमेशा प्रसन्न रहता है और सभी कार्य हम ठीक से कर पाते हैं।ध्यान के साथ ही श्रीराम के अनन्य भक्त पवनपुत्र हनुमानजी का स्मरण श्रेष्ठ परिणाम देता है। सभी जानते हैं कि हनुमानजी का ध्यान करने वाले भक्तों को ज्योतिष के अनुसार क्रुर बताए गए शनिदेव परेशान नहीं करते हैं।
शनि संबंधी किसी भी प्रकार की बाधा होने पर हमें हनुमानजी का नित्य ध्यान करना चाहिए। हनुमानजी के ध्यान के लिए किसी भी शांत एवं स्वच्छ वातावरण वाले स्थान का चयन करें। अब किसी भी सुविधाजनक आसन में बैठकर प्राणायाम की क्रिया प्रारंभ करें। मन शांत होने के बाद हनुमान चालिसा का जप करें। यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर सकते तो निम्न पंक्ति का जप करें-
सहसबदन तुम्हरो जस गावे।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावे।।
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि हनुमानजी श्रीराम के सेवा में लगे रहते हैं इसी वजह से सभी उनके यश का गान करते हैं और श्रीराम उन्हें अपने गले से लगाते हैं। श्रीराम का विशेष स्नेह हनुमानजी के प्रति सदैव बना रहता है। जो भी व्यक्ति इन पंक्तियों का जप करता है उसे श्रीराम और हनुमानजी की कृपा अवश्य ही प्राप्त होती है। हनुमानजी की कृपा के बाद शनि देव भी भक्त को परेशान नहीं करते हैं। सारी बाधाएं स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं।
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