आवंला
आंवले को आयुर्वेद में गुणों का फल माना गया है। चाहे आवंला स्वाद में कड़वा और कसैला हो लेकिन आंवला विटामिन का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है। इसीलिए हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस फल को पूज्यनीय माना गया है। इसकी छांव में बैठकर खाने से भी अनेक रोग दूर होते हैं।
कहते हैं एक आंवले में 3 संतरों के बराबर विटामिन की मात्रा होती है। आवंला खाने से सबसे अच्छा प्रभाव बालों और त्वचा पर पड़ता है। आंवला खाने से लीवर को शक्ति मिलती है जिससे लीवर हमारे शरीर में से विषैले पदार्थों को शरीर में से आसानी से बाहर निकाल देता है।
आंवला हमारे पाचन तन्त्र और हमारी किडनी को स्वस्थ रखता है। आंवला अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में भी सहायक होता है। साथ ही आंवले का स्वादिष्ट मुरब्बा ताकत देने वाला होता है। आंवले का चूर्ण मूली में भरकर खाने से मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है। जो लोग स्वस्थ रहना चाहते हैं वो ताजा आंवला का रस शहद में मिलाकर पीने के बाद ऊपर से दूध पियें इससे स्वास्थ अच्छा रहता है। दिन भर प्रसन्नता का अनुभव होता है। आंवले का जूस पीने के भी बहुत से फायदे हैं पेट से जुड़ी सारी समस्याएं मिट जाती हैं। इसके नियमित सेवन से कभी बुढ़ापा नहीं आता है।
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