शिवजी का पूजन सर्वश्रेष्ठ

शिव पुराण के अनुसार शिवजी ने ही इस सृष्टि का निर्माण ब्रह्माजी द्वारा करवाया है। इसी वजह से हर युग में सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिवजी का पूजन सर्वश्रेष्ठ और सबसे सरल उपाय है। इसके साथ शिवजी के प्रतीक रुद्राक्ष को मात्र धारण करने से ही भक्त के सभी दुख दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। रुद्राक्ष कई प्रकार के रहते हैं। सभी का अलग-अलग महत्व होता है। अधिकांश भक्त रुद्राक्ष धारण करते हैं। इन्हें धारण करने के लिए कई प्रकार के नियम बताए गए हैं, नियमों का पालन करते हुए रुद्राक्ष धारण करने पर बहुत जल्द सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व इनका विधिवत पूजन किया जाना चाहिए इसके बाद मंत्र जप करते हुए इन्हें धारण किया जा सकता है। एक मुखी रुद्राक्ष, दोमुखी रुद्राक्ष, तीन मुखी रुद्राक्ष, चार मुखी रुद्राक्ष या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। सामान्यतया पंचमुखी रुद्राक्ष आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जानिए कौन सा रुद्राक्ष क्यों और किस मंत्र के साथ धारण करें- एक मुखी रुद्राक्ष- जिन लोगों को लक्ष्मी कृपा चाहिए और सभी सुख-सुविधाएं चालिए उन्हें ये रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इस रुद्राक्ष का मंत्र -ऊँ ह्रीं नम:।। दो मुखी- सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति के इसे धारण करना चाहिए। इसका मंत्र है। -ऊँ नम:।। तीन मुखी- जिन लोगों को विद्या प्राप्ति की अभिलाषा है उन्हें मंत्र (ऊँ क्लीं नम:) के साथ तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। चार मुखी- इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले भक्त को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसका मंत्र-ऊँ ह्रीं नम:।। पांच मुखी- जिन भक्तों को सभी परेशानियों से मुक्ति चाहिए और मनोवांछित फल प्राप्त करने की इच्छा है उन्हें पंच मुखी धारण करना चाहिए। इसका मंत्र है - ऊँ ह्रीं नम:।।

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