स्वाहा का उच्चारण

स्वाहा का उच्चारण क्यों? ........................................................ किसी भी शुभ कार्य में हवन होते हमने देखा है कि अग्नि में आहूति देते वक्त स्वाहा का उच्चारण किया जाता है। यह स्वाहा ही क्यों कहा जाए आईए जानते हैं इस शब्द के बारे में।अर्थ: स्वाहा शब्द का अर्थ है सु+आ+हा सुरो यानि अच्छे लोगों को दिया गया। अग्नि का प्रज्जवलन कर उसमें औषधियुक्त (खाने योग्य घी मिश्रित) की आहूति देकर क्रम से देवताओं के नाम का उल्लेख कर उसके पीछे स्वाहा बोला जाता है। जैसे इंद्राय स्वाहा यानि इंद्र को प्राप्त हो इसी तरह समस्त हविष्य सामग्री अलग-अलग देवताओं की समर्पित की जाती है। धार्मिक महत्व....................................... .......................................................... श्रीमद्भागवत एवं शिवपुराण के अनुसार दक्ष प्रजापति की कई पुत्रियां थी। उनमें से पुत्री का विवाह उन्होंने अग्नि देवता के साथ किया था। उनका नाम था स्वाहा। अग्नि अपनी पत्नी स्वाहा द्वारा ही भोजन ग्रहण करते है। दक्ष ने अपनी एक अन्य पुत्री स्वाधा का विवाह पितरों के साथ किया था। अत: पितरों को आहूति देने के लिए स्वाहा के स्थान पर स्वाधा शब्द बोला जाता है।

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