पदासन में प्रार्थना

समय अभाव के चलते अधिकांश लोग केवल हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं। पुराने समय में श्रद्धालुओं द्वारा एक पदासन में प्रार्थना की जाती थी। इस आसन से स्वास्थ्य लाभ तो है साथ ही इससे हमारा मानसिक तनाव भी तनाव दूर होता है। एक पदासन की विधि - किसी साफ-स्वच्छ और शुद्ध वातावरण वाले स्थान पर कंबल आदि बिछा लें। अब कंबल पर सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को घुटनों से मोड़कर पजें के सहारे बैठ जाएं। अब सांस को बाहर निकालकर पेट को पूरा खाली कर लें और बाएं पैर के पजें पर बैठकर दाएं पैर को उठाकर बाएं जांघ पर रखें। इस तरह पद्मासन की स्थिति बन जाएगी। फिर सांस अन्दर खिंचते हुए दोनों हाथों को सामने सीधा में रखें जैसे भगवान से प्रार्थना करते समय रखते हैं। अपने आंखों को सामने की ओर रखें। इस स्थिति में कुछ देर तक रहें, फिर दूसरे पैर से भी यह क्रिया दोहराएं। इसमें पैर को बदलते समय सांस को छोडऩे व लेने की क्रिया को करते रहें। एक पदासन के लाभ एक पदासन आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत लाभदायक होता है। इस आसन से मानसिक तनाव दूर होता है। आलस्य खत्म करके शरीर को स्फूर्तिवान, शक्तिशाली बनाता है। इससे मन निर्मल व शांत करके नियंत्रित करता है और क्रोध शांत करता है। नाड़ी को नियंत्रित कर शरीर के नाडि़मंडल पर अच्छा व साफ प्रभाव डालता हैं।

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