मीठा फल अंजीर
विश्व का सबसे मीठा फल अंजीर स्वाद में जितना मीठा और स्वादिष्ट है। शरीर के लिए भी उतना ही लाभदायक है।कैल्सियम, रेशों व विटामिन ए, बी, सी से युक्त होता है और एक अंजीर में लगभग 30 कैलोरी होती हैं। अंजीर में एंटीऑक्सीडेंट तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो संक्रमण और रोग से लडऩे की क्षमता को बढ़ाते हैं। इसमें कैल्सियम और लौह तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह दिमाग को शांत रखता है और शरीर को आराम देता है। डायबिटीज में अंजीर बहुत उपयोगी होता है। अंजीर में आयरन और कैल्सियम प्रचुर मात्रा में पाए जाने के कारण यह एनीमिया में लाभप्रद होता है।
अंजीर में विटामिन्स ए, बी1, बी2, कैल्सियम, आयरन, फास्फोरस, मैगनीज, सोडियम, पोटैशियम और क्लोरीन पाया जाता है। इसका सेवन करने से डायबिटीज, सर्दी-जुकाम, अस्थमा और अपच जैसी तमाम व्याधियां दूर हो जाती हैं। घरेलू उपचार में ऐसा माना जाता है कि स्थाई रुप से रहने वाली कब्ज अंजीर खाने से दूर हो जाती है। जुकाम, फेफड़े के रोगों में पांच अंजीर पानी में उबाल कर छानकर यह पानी सुबह-शाम पीना चाहिए। दमा जिसमे कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है इससे कफ बाहर आ जाता है। सूखे अंजीर को उबालकर अच्छी तरह पीसकर गले की सूजन या गांठ पर बांधा जाए तो शीघ्र ही लाभ होता है।
साधारण कब्ज की अवस्था में गरम दूध में सूखे अंजीर उबालकर सेवन करने से प्रात:काल दस्त साफ आता है। ताजे अंजीर खाकर ऊपर से दूध पीना बहुत शक्ति देने वाले होते हैं।खून की खराबी में सूखे अंजीर को दूध एवं मिश्री के साथ लगातार एक सप्ताह सेवन करने से खून के विकार नष्ट हो जाते हैं। मधुमेह रोग में अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन विशेष लाभकारी होता है। अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करना उपयोगी होता है।अस्थमा की बीमारी में सुबह सूखे अंजीर का सेवन अच्छा माना गया है। टी.बी. के मरीज को ताजे अंजीर खाना फायदेमंद है।श्वेत प्रदर में भी इसका उपयोग गुणकारी है।
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