सुन्दरकाण्ड
हिन्दू धर्मग्रंथ श्री रामचरितमानस आदर्श व्यावहारिक जीवन के अनेक सूत्रों और संदेशों को उजागर करता है। इसी कड़ी में इसके अहम चरित्र व पात्रों में एक रामभक्त व रुद्रावतार श्री हनुमान के जरिए कर्म, समर्पण, पराक्रम, प्रेम, परोपकार, मित्रता, वफादारी जैसे अनेक आदर्शों के दर्शन होते हैं।
श्री हनुमान के दिव्य और संकटमोचक चरित्र का दर्शन श्री रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में होता है। इसलिए सुन्दरकाण्ड का पाठ व्यावहारिक जीवन में आने वाली संकट, विपत्तियों और परेशानियों को दूर करने में बहुत ही असरदार माना जाता है।
आस्था है कि इसी सुन्दरकाण्ड में दी गई श्री हनुमान की एक छोटी सी स्तुति का नियमित पाठ सारे दु:ख व कष्टों से छुटकारा देने के साथ हर इच्छा पूरी कर देता है। यही नहीं यह स्तुति शनि दोष या दशा के बुरे असर से भी बचाने वाली मानी गई है। यह हनुमान स्तुति छोटी होने से इसका पाठ समयाभाव में भी संभव है।
श्री हनुमान उपासना के विशेष दिन शनिवार और मंगलवार को इच्छापूर्ति और शनि पीड़ा से रक्षा के लिए इस हनुमान स्तुति का पाठ अवश्य करें।
- शनिवार या मंगलवार को बोल, विचार और व्यवहार की पवित्रता के संकल्प के साथ सुबह स्नान करें।
- घर या देवालय में श्री हनुमान को गंध, सुगंधित तेल व सिंदूर, लाल फूल, अक्षत चढ़ाएं।
- गुग्गल अगरबत्ती या धूप बत्ती और घी के दीप जलाकर पूजा करें। केले, गुड़ या चने का भोग लगाएं।
- इसके बाद सुन्दरकाण्ड की इस छोटी-सी स्तुति का श्रद्धा और आस्था से पाठ करें -
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
श्री हनुमान की इस स्तुति का नित्य पाठ दैनिक जीवन के कामों में आने वाली बाधा और परेशानियों को भी दूर कर व्यर्थ चिंता और तनाव से बचाती है या यूं कहें कि यह छोटी सी हनुमान स्तुति हर मुश्किलों और मुसीबतों से लडऩे का हौंसला देती है।
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